जोहरा की सहगल जीवनी | Biography of Zohra Sehgal
Zohra Sehgal |
पूरा नाम - ज़ोहरा मुम्ताज-उल्लाह
खान
जन्म स्थान – सहारनपुर ( उत्तर प्रदेश ), भारत
जन्म - 27 अप्रैल 1912
मृत्यु - 10 जुलाई 2014 (उम्र
102)
व्यवसाय - अभिनेत्री, डांसर
जीवनसाथी - कामेश्वर नाथ सहगल
जोहरा ने अपने हुनर के दम पर पुरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनायीं, और
आज गूगल ने भी अपने doodle पर उन्हें याद किया | अगर आप आज Google को ओपन करेंगे तो वह पर आपको जोहरा
सहगल की फोटो दिखाई देगी |
जोहरा सहगल ने आपनी एक्टिंग, डांसिग,
के दम पर इंडियन सिनेमा में अपनी एक नई पहचान बनाई
ज़ोहरा सहगल का असली नाम साहिबज़ादी ज़ोहरा बेगम मुमताज़ उल्लाह खान था। उनका
जन्म एक मुस्लिम परिवार में हुआ था।
महज सात वर्ष की आयु में मोतियाबिंद
ने उनकी बायीं आँख की रौशनी छीन ली।
देहरादून में आयोजित मशहूर नृत्यांगना
उदय शंकर के नृत्य ने उन्हें प्रेरणा दी। अलग-अलग संस्कृतियों और रीति-रिवाज़ों में
उनकी बहुत रुचि थी। स्नातक होने के पश्चात वे उदय शंकर की नृत्य-मंडली में सम्मिलित
हो गईं और जगह-जगह यात्रा की। अपनी इसी यात्रा के दौरान उन्होंने अपने से आठ वर्ष छोटे
कामेश्वर सहगल से प्रेम-विवाह किया।
जोहरा सहगल को भारत की पहली महिला
अभिनेत्री माना जाता है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली।
जोहरा सहगल की जिंदगी बचपन में संघर्षों
भरी रही। छोटी उम्र में ही उनकी मां का निधन हो गया। उनकी मां चाहती थीं कि जोहरा लाहौर
जाकर पढ़ें | तो वह अपनी बहन के साथ Queen merry कॉलेज में दाखिला लेने चली गईं । उन्हें
डांस का शौक था। इस तरह वो जर्मनी के मैरी विगमैन बैले स्कूल में एडमिशन पाने वालीं
पहली भारतीय महिला बनीं। तीन साल तक यहां जोहरा ने नए जमाने का डांस सीखा और इसी दौरान
किस्मत से उन्हें मौका मिला वह नृत्य नाटिका देखने का जिसने उनका जीवन बदल दिया। इस
दौरान उनकी मुलाकात भारत के मशहूर नर्तक उदय शंकर से हुई। विदेश में इतनी खूबसूरत भारतीय
युवती की पारंपरिक नृत्य में दिलचस्पी देख उदय शंकर बहुत खुश हुए और उन्होंने कहा कि
देश में पहुंचते ही वह उनके लिए काम देखेंगे।
1935 में जोहरा सहगल ने उदय शंकर को
जापान में ज्वॉइन कर लिया। जापान के बाद मिस्र, यूरोप और अमेरिका होते हुए जोहरा ने
उदय शंकर के साथ खूब दुनिया देखी। वापस देश लौटकर जोहरा ने उदय शंकर के साथ अल्मोड़ा स्थित स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया। यहीं उनकी मुलाकात कमलेश्वर सहगल से हुई, उन्हें पेटिंग, और भारतीय नृत्य का भी शौक था। जोहरा
और कमलेश्वर ने शादी कर ली। जोहरा और कमलेश्वर की शादी उन दोनों के घर वालो को बिलकुल
पसंद नहीं आयी । हालात दंगे जैसे बन गए थे लेकिन, बाद में सब मान गए। उस समय हिन्दुस्तान
और पाकिस्तान के बंटवारे की बात चल रही थी, और फिर हिंदुस्तान और पाकिस्तान कर बटवारा
हुआ । दोनों लाहौर पहुंचे और यहीं डांस इंस्टीट्यूट खोल लिया, लेकिन जल्दी ही लगने
लगा किइंस्टीट्यूट चलाना तो दूर, लाहौर में जिंदा बचना मुश्किल हो जाएगा। लेकर दोनों
साल भर की बच्ची किरण को लेकर बंबई भाग आए
जोहरा सहगल को 1998 में पद्मश्री,
2001 में कालीदास सम्मान, 2004 में संगीत नाटक अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित किया गया
| संगीत नाटक अकादमी ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट
अवॉर्ड के तौर पर अपनी फेलोशिप भी दी। देश का सबसे बड़ा दूसरा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण
जोहरा सहगल को साल 2010 में मिला। 10 जुलाई 2014 में उन्हें दिल का दौरा पड़ा और
102 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
जोहरा के द्वारा की गई फिल्मे –
1950 - अफ़सर
1969 - द गुरु
1984 - द ज्वैल इन द क्राउन
1997 - तमन्ना
1999 - हम दिल दे चुके सनम
1999 - दिल्लगी
2000 - तेरा जादू चल गया
2001 - द मिस्टिक मसियूर
2002 - चलो इश्क लड़ाए
2003 - साया
2004 -
2004 - कौन है जो सपनों में आया?
2005 - द मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेज़
2007 - साँवरिया
2007 - चीनी कम
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