अलवर में घूमने की जगह | Best place to visit in Alwar
Alwar |
अलवर, राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन शहर है | जो दिल्ली से राजस्थान की यात्रा करते समय सबसे पहले आता है |
अगर आप दिल्ली से अलवर की ओर आ रहे हैं तो यह लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
अलवर शहर भानगढ़ किला, सरिस्का टाइगर रिजर्व, हांटेड प्लेस, के लिए काफी लोकप्रिय है |
यह एक एक पर्यटन स्थान होने के साथ-साथ बॉलीवुड की कई फिल्में भी यहां पर सूट हो चुकी है |
अगर आप अलवर शहर की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो आपको यहां बाला किला, पांडुपोल, भानगढ़ का किला जो कि भुतहा किला के नाम से प्रसिद्ध है, इन सभी जगहों का आनंद उठा सकते है |
अगर आप भी अलवर घूमना चाहते हैं तो यह Blog आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
अलवर शहर अरावली की पहाडियों के मध्य
में बसा है।
अलवर के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- बाला किला
- सिलीसेढ़ झील
- विजय मंदिर झील महल
- सिटी पैलेस
- कंपनी गार्डन
- मूसी महारानी की छतरी
- पांडुपोल
- सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण
- अलवर मोती डूंगरी
- भानगढ़ का किला
अलवर जाने के लिए सबसे अच्छा समय घूमने।
अगर आप वाकई में अलवर शहर घूमना चाहते
हैं तो आपको बता दें कि यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच
का रहता है |
अगर आप गर्मियों में इस जगह पर आएंगे
तो यहां का तापमान 50 डिग्री से भी ज्यादा हो जाता है जो आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं
है।
अलवर कैसे पहुंचे ?
अलवर शहर का निकटतम हवाई अड्डा दिल्ली,तथा
दूसरा हवाई अड्डा जयपुर में है |
अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो
अलवर जंक्शन, अलवर शहर का प्रमुख स्टेशन है जहां पर भारत से के कई राज्यों से ट्रेनें
नियमित रूप से आती और जाती रहती है।
बाला किला –
अलवर का बाला किला यहां का ताज कहा
जाता है। यहां आने वाले सैलानी इस किले में घूमना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। दिलचस्प
बात ये है कि अलवर का यह प्राचीन किला बाबर के समय से भी पहले का बना हुआ है।
बाला किला अरावली की पहाड़ियाँ पर बना है। बाला किले की दीवार पूरी पहाडी पर फैली हुई है जो हरे-भरे मैदानों से गुजरती है। पूरे अलवर शहर में यह सबसे पुरानी इमारत है|
अरावली पर्वतमाला पर बने होने के कारण आप बाला किला से पूरे अलवर शहर को देख सकते हैं।
सिलीसेढ़ झील -
अगर आपको झीलें देखना पसंद है तो आप अवलर से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलीसेर झील को देखने जा सकते हैं। यह झील तीन तरफ से अरावली की पहाड़ियों से घिरी हुई है। झील का बहता पानी आपके मन को आनंदित कर देता है। सिलीसेड झील अलवर की सबसे प्रसिद्ध और सुन्दर झील है।
इसका निर्माण महाराव राजा विनय सिंह ने
१८४५ में करवाया था। इस झील से रूपारल नदी की सहायक नदी निकलती है।
विजय मंदिर झील महल –
विजय मंदिर अलवर शहर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
यहां अलवर के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है, ऐसा बताया जाता
है कि विजय मंदिर महल को यहां के राजा जयसिंह ने अपने जिद में बनवाया था | विजय महल
शानदार उद्यानों के बीच में स्थित है इस महल में 105 कमरे हैं जो कि अच्छी तरह के से
सजे हुए हैं इसके अंदर एक राम मंदिर भी है, रामनवमी के दौरान जहां पर भक्तों की काफी
भीड़ पड़ी रहती है।
सिटी पैलेस –
सिटी पैलेस एक खूबसूरत जगह है इसका
निर्माण राजा बख्तावर सिंह ने करवाया था अगर आप यहां पर जाते हैं तो आप इसकी तारीफ
के लिए किए बिना रह नहीं पाएंगे।
कंपनी गार्डन –
अलवर में अगर आप कुदरती वातावरण में
जाना चाहती हैं तो आप यहां के कंपनी बाग का रुख कर सकती हैं। यह गार्डन अपने बेहतरीन
कंसट्रक्शन, सुंदर लैंडस्केप और फव्वारों के लिए फेमस है। हरियाली के बीच घूमने और
सुकून से वक्त बिताने के लिए यह जगह पूरी तरह से ठीक है।
इसका निर्माण महाराजा शिवदान सिंह
ने कराया था |
कम्पनी बाग साल के बारह मास खुला रहता
है। इसका निर्माण महाराजा शिवदान सिंह ने कराया था।
मूसी महारानी की छतरी –
मूसी रानी की. छतरी महाराजा बख्तावर
सिंह की रानी, की समाधि है |
पांडुपोल –
अगर आपकी आस्था हनुमानजी में है तो
अलवर का पांडुपोल हनुमान मंदिर हनुमानजी के लिए प्रसिद्ध है | यह सरिस्का उदाहरण के
अंदर स्थित है |
इसमें भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति
स्थापित है |
अलवर का पांडुपोल मंदिर अलवर में सबसे
अधिक देखे जाने वाली जगहों में से एक है |
मंदिर के मंदिर के परिसर में लंगूर
और कई अन्य प्रकार के जानवर पक्षियों तथा अपने 35 फुट आने के लिए भी प्रसिद्ध है |
ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने निर्वासन
के दौरान अपने जीवन के कुछ साल यहीं पर बिताए थे।
सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण –
सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण अलवर शहर
का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है यह काफी बड़े एरिया में फैला हुआ है जहां आपको कई प्रकार
के वन्यजीव जैसे बाग, हिरण, तेंदुआ, लकड़बग्घा, सांभर, चिंकारा, नीलगाय और चार सिंह
वाले बारहसिंघा भी पाए जाते हैं।
भानगढ़ का किला –
भानगढ़ किला "भूतहा" किला के नाम से
भी जाना जाता है | यह किला इतना डरावना है कि यहां पर लोग सिर्फ दिन में ही घूमते हैं, जैसे-जैसे शाम ढलने लगती है वैसे वैसे यह किला और भी डरावना लगने लगता है |
यह किला चारों ओर से पहाड़ियों से
घिरा हुआ है और लगभग यह किला खंडहर हो चुका है |
पर अब भी यहां पर हर साल काफी सैलानी घूमने के लिए आते हैं |
भानगढ़ किला दुनिया के सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता
है, यहां के लोगों की माने तो यहां पर आज भी भूत रहते हैं, इसीलिए यहां की सरकार ने सूर्योदय
से पहले और सूर्यास्त के बाद यहां पर जाने से रोक लगा रखी है, लेकिन आप इस किले को दिन
में जरूर घूम सकते हैं।
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