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विश्व के 7 नए अजूबे | THE SEVEN WONDERS OF THE WORLD

विश्व के 7 नए अजूबे ( THE SEVEN WONDERS OF THE WORLD )

 

हेल्लो दोस्तों मैं हु सागर,

 

सात अजूबे हैं इस दुनिया में आठवां है रूप तेरा रूपा। मतलब अठावे अजूबे की बात

तो हम करेंगे नहीं यानि कि रूपा ( मेला फिल्म )की  बात तो आज करेंगे नहीं

आज हम सिर्फ जानेंगे कि विश्व के  सात अजूबे में कौन कौन से सात अजूबे शामिल

है तो आइए जानते हैं विश्व के सात अजूबे के बारे में।

 

 

 

सात अजूबे हैं इस दुनिया में आठवां है रूप तेरा रूपा। मतलब अठावे अजूबे की बात तो हम करेंगे नहीं यानि कि रूपा ( मेला फिल्म )की बात तो आज करेंगे नहीं आज हम सिर्फ जानेंगे कि विश्व के  सात अजूबे में कौन कौन से सात अजूबे शामिल है  तो आइए जानते हैं विश्व के सात अजूबे के बारे में।

 

आज हम इस ब्लॉक में जानेंगे विश्व के सात अजूबों के बारे में वह ऐसे कौन-कौन से अजूबे हैं जो विश्व के सात अजूबे में शामिल है आइये जानते हैं......

 

विश्व के 7 नए अजूबे

  

1.माचू पिच्चू  (Machu picchu, PERU)

 

2.क्राइस्ट द रिडीमर (Christ the redeemer, RIO DE JENERIO)

 

3. ताज महल  (Taj mahal, Agra, INDIA)

 

4. चीन की दीवार (Great wall of CHINA)

 

5. कोलोजियम (Colosseum, ROME)

 

6. चिचेनइट्ज़ा (Chichen itza, MEXICO)

 

7. पेट्रा (Petra, JORDAN)

 

 

 

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1. माचूपिच्चू-

माचूपिचू दक्षिण अमेरिका पेरू मे स्थित कमस पूर्व युग इंका सभ्यता से संबंधित एक ऐतिहासिक स्थान है माचू पिच्चू का मतलब होता है पुराणी छोटी ।

 




 7 जुलाई 2007 को इसे विश्व के सात अजूबों में शामिल किया गया जो की समुद्र तल से 2430 की ऊंचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर पहाड़ी पर स्थित है आपको बता दें कि इससे 1983 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल किया गया है और इसकी खोज अमेरिकी इतिहासकार श्रेय हीरामबिंघम ने 1911 में की थी जिसके बाद से यहाँ पर्यटक का आकर्षण बना हुआ है।

माचूपिच्चू एक पर्यटन स्थल होने के साथ साथ एक सांस्कृतिक स्थल भी है ।

 


2.क्राइस्ट द रिडीमर -

क्राइस्ट द रिडीमर ब्राज़ील के रिओ डी जनेरो में स्थापित इसा मसीह की एक प्रतिमा है जिसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शार्क आर्ट डेको स्टेचू माना जाता है जिसकी ऊंचाई 130 फ़ीट है और चौड़ाई 98 फिट है इसको 1922 से 1931 के बिच में बनाया गया यह प्रतिमा कितनी बड़ी है  इस बात का अंदाज़ा आप इस तस्वीर को देख कर लगा सकते हैं ।


 



3. ताज महल –

ताज महल भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे बना हुआ है ।

यह एक विश्व धरोहर मक़बरा है जो कि सफ़ेद संगमरमर से बना हुआ है कहते हैं कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है ताज महल शाहजहाँ की तीसरी बेगम मुमताज महल की  मजार है,मुमताज़ के गुजर जाने के बाद शाहजहाँ ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था कहा जाता है कि मुमताज महल ने मरने के वक़्त मक़बरा बनाए जाने की ख्वाहिश जाहिर की थी जिसके बाद शाहजहां ने ताजमहल बनवाया पर Directly नहीं तो Indirectly ही सही ताजमहल का जिक्र जब भी किया जाता है तब शाहजहाँ का नाम जरूर आता है ।

 


ताज महल के बारे में एक अफवाह यह भी है की जितने मजदूरों ने ताजमहल को बनवाया था उन सभी के हाथ शाहजहां ने कटवा दिए थे लेकिन यह सिर्फ एक अफवाह है बल्कि इतिहासकारो की माने तो सच यह है की शाहजहां ने मजदूरों को जिंदगी भर की तनख्वाह देकर उन्हें आजीवन काम न करने का वादा करवाया था जिसके बाद से किसी भी मजदूर ने आजीवन कार्य नहीं किया ।

ताजमहल बनाने का काम 1931 में शुरू हुआ था और 1953 में पूरा हुआ लगभग 22 साल लगे  ताजमहल को बनाने में लगभग 20,000 मजदूरों ने अपना सहयोग दिया और तब जाकर एक खूबसूरत नजारा हमें देखने को मिला और फ़िलहाल इस समय जो भी ताजमहल जाता है वह वहां पर जाकर काफी सारी फोटोज, तसवीरें, वीडियो और काफी सारी यादें अपने साथ समेट कर लेता है ।

वाकई ताजमहल कुदरत का एक सुन्दर करिश्मा है ।

ताजमहल का रहस्य


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4. चीन की दीवार -

चीन की दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी किलनुमा दीवार है जिसे चीन के विभिन्न शासकों के द्वारा उतारी हमला और सुरक्षा के लिए पांचवी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16 शताब्दी तक बनवाया गया । इसकी विशाल का का अंदाज़ा आप किस बात के लगा सकते हैं की मानव निर्मित इस दीवार को ऐसा माना जाता है कि अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है ।  इस दीवार की लम्बाई 21,196 किलोमीटर है ।

 


 

इस दीवार की चौड़ाई कितनी है की इस का अंदाजा आप इस प्रकार से लगा सकते है की इस पर 10 लोग आसानी से चल सकते हैं, इस दीवार की लम्बाई का अनुमान आप इस प्रकार भी लगा सकते हैं कि लगभग 20 से 30 लाख लोगों ने अपना पूरा जीवन इस दीवार को बनाने में लगा दिया था ।

ग्रेट वालऑफ़ चाइना चीन की ही नहीं बल्कि पुरे विश्व की सबसे लम्बी दीवार है ।

 

5. कोलोजियम-

इटली देश के रोम नगर में स्थित रोमन साम्राज्य का सबसे विशाल एलिस्टिक एम्फीथियेटर है ।यह रोमन स्थापत्य और अभियांत्रिकी ( आर्किटेक्चर एंड इंजीनियरिंग ) का सबसे अच्छा नमूना माना जाता है ।

 



आप सभी ने रोम स्थित कोलोसियम के बारे में सुना तो होगा,  नहीं तो पढ़ा तो जरूर ही होगा या फिरआपने अपनी नोटबुक के बैकसाइड में इसकी फोटो तो जरूर ही देखी होगी यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है इसका निर्माण तत्कालीन शासक ने वेस्पीयन ने 70 से 72 ईस्वी में प्रारम्भ किया जिसके बाद सम्राट टाइटस ने 80 ईस्वी में इसे पूरा किया ।

अंडा का आकृति में बने इस कोलोसियम की क्षमता उस समय 50,000 दर्शको की थी जो की उस समय के हिसाब से बहुत ही असाधारण बात थी इस कोलोसियम मे योद्धाओ के बीच मात्र मनोरंजन के लिए लड़ाई होती थी यह आज भी रोमन साम्राज्य के वैभव का प्रतीक है और पर्यटन का सबसे लोकप्रिय गंतव्य भी है ।

  

 

6. चिचेनइट्ज़ा -

चिचेनइट्ज़ा केनकन के पश्चिम में 200 किलोमीटर की दुरी पर स्थित युकांटन राज्य में स्थित है जो कि मेक्सिको के सबसे सुरक्षित पूरा तात्विक स्थलों में से एक है ।



चिचेनइट्ज़ा कोलंबस पूर्व युग में माया सभ्यता द्वारा बनाया गया एक बड़ा शहर था इसकी ऊंचाई 24 मीटर यानि 79 फीट ऊँची है ।

चिचेनइट्ज़ा का मतलब होता है कुँए के किनारे ।  यह एक पुरातत्व स्थल है जो इतिहास के साथ ही विभिन्न डिज़ाइन और सैलियो से समृद्ध है हर साल यहाँ लगभग 1.2 मिलियन यानि 12 लगभग 12 लाख लोग घूमने आते हैं ।

 

 

7. पेट्रा -

पेट्रा एक ऐतिहासिक नगरी है जो की अपने पत्थर पर तराशी गई इमारतो और जलवाहन प्रणाली के लिए प्रसिद्द है ।

 


इसे छठी शताब्दी ईसापूर्व में नबातियों ने अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया माना जाता है कि इसका निर्माण कार्य 1200 इशापूर्व के आसपास हुआ ।

आधुनिक युग में यह है एक मशहूर पर्यटन स्थल है पैत्रा जॉर्डन मआन प्रान्त में स्थित ऐतिहासिक नगरी है ।

पैत्रा होर नामक पहाड़ी की ढलान पर बना हुआ है और पहाड़ों से घिरी हुई द्रोणी में स्थित है ।


हर किसी को ये पता होना चाहिए 

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